प्रज्ञा पुरुषोत्तम श्री १०८ बालाचार्य योगीन्द्रसागरजी महाराज सा

प्रज्ञा  पुरुषोत्तम श्री १०८ बालाचार्य योगीन्द्रसागरजी महाराज सा

रविवार, 15 अगस्त 2010

जीवन में स्वतंत्र बने , स्वच्छंद नहीं

जीवन में स्वतंत्र बने , स्वच्छंद नहीं। स्वतन्त्रता कल्याण का मार्ग दिखाती है, जबकि स्वच्छंदता पतन के मार्ग पर ले जाती है। स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर बालाचार्य श्री योगीन्द्र सागर ने उपरोक्त बात शीतल तीर्थ पर चातुर्मास के दौरान प्रति रविवार आयोजित प्रवचन माला में कही। उन्होंने इंसान को तोते से सीख लेने की बात कही , उन्होंने कहा तोता पिंजरे में रहता है और वहां सभी सुविधाए होने के बावजूद दरवाजा खुला मिलते ही उड़ जाता है। ठीक वैसे ही इंसान को भी रहना चाहिए, उसे किसी भी गुलामी या परतंत्रता से छुटकारा पाने को उद्यत रहना चाहिए। आज का इंसान एसा बन गया है जैसे कबूतर बार बार अपने दडबे में आ घुसता है, जबकि उसे खुला छोड़ा जाता है। गुरु ही इन बातों से सावधान या सचेत कर सकता है संत या महात्मा ही है जो उस्शार का मार्ग प्रशस्त लार सकते हैं । आज भारत अपनी स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ मना रहा है मगर इंसान या मानव की असल स्वतंत्रता संन्यास में निहित है । संन्यास लिए जाने पर ही सम्यक ज्ञान, क्रिया और श्रद्धा का तिरंगा लहराएगा । गुरु अपने अनुभव के जरिये ज्ञान का प्रकाश फैलाता है इसलिए उसका आभार मानते हुए ऋणी बने रहना चाहिए । उन्होंने स्वलिखित गीत के माध्यम से " मुझे तुमने गुरुवर बहुत कुछ दिया है ....." की संगीतमय वन्दना आचार्य गुरुवर शीतल कीर्ति जी महाराज को विनयांजलि के रूप में अर्पित की और उनके निर्वाण तिथि का उल्लेख किया । आचार्य गुरुवर शीतल कीर्ति जी महाराज की निर्वाण तिथि के साथ साथ २३ वे तीर्थंकर भगवान् पार्श्वनाथ का निर्वाण उत्सव महाकवि संत श्री तुलसीदास जी के निर्वाण तिथि को मनाये जाने की बात कही ।
रान देवरा बनाए गए बेनर का विमोचन इस अवसर पर किया गया।
संचालन करते हुए डॉ सविता जैन ने विदेशी मानसिकता के खतरों से आगाह कर स्वतंत्रता दिवस के परिप्रेक्ष में आयातित सामान और भाषा प्रभावित न होने को कहा ।
मुनि श्री यशोधर सागर जी महाराज ने कहा की ऋषभदेव जी ने आत्मा की स्वतन्त्रता का पाठ स्वर्ग की अप्सरा की मृत्यु से प्रभावित होकर वैराग्य लेने के बाद बताई है।
रामदेवरा तीर्थ जाने वाले यात्रियों के लिए सुचना हेतु /यात्रियों को निशुल्क स्वल्पाहार की व्यवस्था १६ जुलाई से दिए जाने सम्बन्धी बनवाए गए बेनर का विमोचन ईश्वर जी , राजारामजी , बजाराम जी , देवीलाल जी , नाथूलाल जी , कृष्ण सिंह जी आदि ने किया ।
गायत्री मन्त्र का पाठ कु................ त्रिपाठी ने किया । प्रारम्भ में "गुरुदेव कृपा करके............." भजन की प्रस्तुति चातुर्मास समिति के अध्यक्ष श्री पुखराज जी सेठी ने दी । प्रभावना पाटीदार बंधू एवं बालीजी पांड्या के सौजन्य से वितरित की गई ।

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