प पू मुनिकुंजर आचार्य १०८ श्री आदिसागरजी म सा (अंकलीकर) परंपरा के तृतीय पट्टाधीश प पू महातपोमार्तंड आचार्य १०८ श्री सन्मतिसागरजी म सा के पट्टाधीश प पू प्रज्ञा पुरुषोत्तम सिद्धांत रत्नाकार १०८ आचार्य श्री योगीन्द्रसागर जी म सा की प्रेरणा से दिगंबर जैनाचार्य शीतलकीर्ति महाराज सा के नाम को समर्पित कर "शीतलतीर्थ" रतलाम के बाँसवाड़ा रोड पर निर्माण गया है । दिगंबर जैन शीतलतीर्थ अधिष्ठात्री डॉ सविता जैन ०९४२५३५५७४१
प्रज्ञा पुरुषोत्तम श्री १०८ बालाचार्य योगीन्द्रसागरजी महाराज सा
शनिवार, 19 नवंबर 2011
रविवार, 13 नवंबर 2011
श्रद्धावान विवेकवान क्रियावान ही श्रावक कहलाने योग्य
श्रावक को तुलसीदास जी ने सरावग लिखा है . जो व्यक्ति श्रद्धावान विवेकवान क्रियावान है वाही श्रावक कहलाने योग्य है उक्त बात पट्टाचार्य श्री योगीन्द्र सागर जी महाराज ने तपोनिष्ठ वन्दना के अगले रविवार को संपन्न धर्म सभा को संबोधित करते हुए कही. जिस श्रावक का घर आनद से परिपूर्ण हो, संतान विवेकी हो, पत्नी मृदु संभाशिणी हो, भगवान का पूजन नित होता हो, अतिथि सत्कार होता हो, संत सेवा होती हो, हाथों से नियमित दान होता हो, आज्ञापालक नौकर हो इसे श्रावक का ही गृहस्थाश्रम धन्य है.
उन्होंने प्रारंभ में " मत ले जा रे पंछी तू औरों के अंगना ................. कोई किसी का दर्द घटा दे , एसा ये संसार नहीं है." की संगीतमयी प्रस्तुति देकर उपदेश प्रदान किये.
प्रारंभ में गुरु वंदना करते हुए रतलाम विकास प्राधिकरण अध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी ने कहा की शीतल तीर्थ की कीर्ति देश भर में विस्तार पा रही है.
सर्वश्री राजेश जैन जम्बू सोनी, दिलीप जैन, जगदीश व्यास, लोकेन्द्र सिंह, सत्येन्द्र जैन, शशांक जैन आदि ने विनयांजलि प्रस्तुत की. संचालन डॉ सविता जैन ने किया. उप्रिक्त जानकारी शीतल तीर्थ प्रवक्ता अशोक गंगवाल ने दी
उन्होंने प्रारंभ में " मत ले जा रे पंछी तू औरों के अंगना ................. कोई किसी का दर्द घटा दे , एसा ये संसार नहीं है." की संगीतमयी प्रस्तुति देकर उपदेश प्रदान किये.
प्रारंभ में गुरु वंदना करते हुए रतलाम विकास प्राधिकरण अध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी ने कहा की शीतल तीर्थ की कीर्ति देश भर में विस्तार पा रही है.
सर्वश्री राजेश जैन जम्बू सोनी, दिलीप जैन, जगदीश व्यास, लोकेन्द्र सिंह, सत्येन्द्र जैन, शशांक जैन आदि ने विनयांजलि प्रस्तुत की. संचालन डॉ सविता जैन ने किया. उप्रिक्त जानकारी शीतल तीर्थ प्रवक्ता अशोक गंगवाल ने दी
बुधवार, 9 नवंबर 2011
स्वर्ण जयंती संयमोत्सव
शीतल तीर्थ धर्म और सेवा का पर्याय बन गया है. आयुर्वेदिक अस्पताल निर्माण में अपनी किसी भी भागीदारी के लिए तत्पर रहूँगा. उक्त बात मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य मंत्री माननीय श्री महेंद्र जी हार्डिया ने कही वे यहाँ आचार्य श्री सन्मति सागर जी महाराज के पचासवे दीक्षा वर्ष के पूर्ण होने पर आयोजित किए गए स्वर्ण जयंती संयमोत्सव के अवसर पर संबोधित कर रहे थे .
पट्टाचार्य १०८ श्री योगीन्द्र सागर जी महाराज की निश्रा में आयोजित वागीश्वरी पुरस्कार समारोह तथा संयमोत्सव के अवसर पर उन्होंने बुजुर्गो को श्रवण यंत्र तथाdr. savita jain ujjain द्वारा लिखे गए भजनों की सी डी का विमोचन भी किया .भजनों को विनोद गौड़ एवं पार्टी द्वारा संगीतबद्ध किया गया है .
मध्यप्रदेश के पर्यावरण मंत्री जयंत मलैया ने इंदौर के डॉ अनुपम जैन को वागीश्वरी पुरस्कार प्रदान किया . शीतल तीर्थ द्वारा प्रति वर्ष दिए जाने वाले इस पुरस्कार में रूपए ५०००० पचास हज़ार प्रदान किए जाते हैं. समारोह के दौरान पचास विद्वानों का प्रशस्ति पत्र एवं शाल श्रीफल से सम्मान किया गया
राजस्थान के शिक्षा मंत्री महेंद्र सिंह मालवी ने पट्टाचार्य १०८ श्री योगीन्द्र सागर जी महाराज के व्यक्तित्व में अपनी भावनाए प्रकट की.
समारोह का आतिथ्य उपरोक्त मंत्रीयों के साथ मध्यप्रदेश के पूर्व गृह मंत्री श्री हिम्मत कोठारी, रतलाम महापौर श्री शेलेन्द्र डागा, रतलाम विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री विष्णु त्रिपाठी, कलेक्टर राजेंद्र शर्मा, नगर निगम रतलाम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल आदि ने किया
अतिथियों का स्वागत डॉ सविता जैन, भारत शर्मा (पप्पू टंच) महावीर गांधी , दीपक गोधा , पुखराज जैन, राजेश घोटीकर, अशोक गंगवाल , मनोज इंजीनीयर आदि ने किया .
प्रवक्ता अशोक गंगवाल ने बताया की दिनांक २ नवम्बर स प्रारंभ हुए संयमोत्सव में चोबिसी रिद्धि विधान मंडल का पूजन किया गया जिसमे ५० जोड़ों द्वारा लाभ लिया गया .संध्या को आचार्य श्री सन्मति सागर जी की पचास दीपकों से आरती भी उतारी गई
आचार्य एवं मुनि संघ की पिच्छिका परिवर्तन का लाभ समाज बंधुओं ने लिया
बुधवार, 2 नवंबर 2011
मंगलवार, 1 नवंबर 2011
बैसाखियाँ एवं श्रवणयंत्र वितरण होगा
पट्टाचार्य श्री योगीन्द्र सागर जी म सा की प्रेरणा से विकसित हो रहे शीतल तीर्थ को अब सामाजिक उत्थान केंद्र के स्वरुप में भी देखा जा सकेगा उक्त बात शीतल तीर्थ की अधिष्ठात्री डॉ सविता जैन ने कहते हुए बताया कि वृद्ध एवं अशक्त संत जनों के लिए वृद्ध संताश्रम, गौशाला, असहाय एवं निराश्रित जनों के लिए निशुल्क भोजन शाला "राम रसोड़ा" का निर्माण के साथ नशामुक्त संस्कारित जीवन कि प्रेरणा के केंद्र के रूप में शीतल तीर्थ कि ख्याति सर्व विदित है.
सेवा के तारतम्य में अब दिनांक ६ नवम्बर को शीतल तीर्थ पर कानों से कम सुनने वाले तथा अपने कमजोर पैरों के कारण चलने फिरने में कठिनाई महसूस करने वाले अशक्त जनों के कल्याणार्थ एक शिविर का आयोजन किया जा रहा जिसमे आवश्यक सुविधा हेतु बैसाखियाँ तथा श्रवण यंत्र प्रदान किए जायेंगे
शीतल तीर्थ प्रवक्ता राजेश घोटीकर ने बताया कि इच्छुक व्यक्ति अपना इस हेतु अनिवार्य रूप से पंजीयन करावें . पंजीयन की आवश्यक कार्यवाही में एक पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, बी पि एल राशन कार्ड की फोटो कॉपी तथा विकलांगता प्रमाण पत्र के साथ उपस्थित होकर अपना पंजीयन करा सकेंगे
श्रवण यत्र के लिए इच्छुक व्यक्ति डॉ प्रणव अरुण पुरोहित लोकेन्द्र टाकिज के पास तथा बैसाखी के लिए डॉ चन्द्र शेखर राय ११५ पुष्पक मार्केट डालू मोदी चोराहा पर अपना पंजीयन एवं आवेदन फॉर्म प्राप्त कर सकेंगे
पंजीयन स्थल से जारी किए गए फॉर्म लाने पर ही उपरोक्त सुविधाए प्रदान की जा सकेंगी
शीतल तीर्थ तक आने जाने के लिए बस की व्यवस्था तोपखाना, भरावा कुई, सैलाना बस स्टैंड रतलाम तथा कस्तूरबा नगर से की गई है लाभ उठावें .
शिविर का लाभ उठाने की अपील अशोक गंगवाल , विष्णु त्रिपाठी , बजरंग पुरोहित एवं योगी भक्त मंडल के सदस्यों ने की है
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