प्रज्ञा पुरुषोत्तम श्री १०८ बालाचार्य योगीन्द्रसागरजी महाराज सा

प्रज्ञा  पुरुषोत्तम श्री १०८ बालाचार्य योगीन्द्रसागरजी महाराज सा

शनिवार, 24 मार्च 2012

पट्टाचार्य श्री योगीन्द्रसागर जी को विनयांजलि

                पट्टाचार्य श्री योगीन्द्रसागर जी के अस्थि कलश को आज शीतल तीर्थ की धरा पर समारोह पूर्वक लाया जाकर विनयांजलि सभा का आयोजन संपन्न हुआ. ग्राम डेलनपुर एवं धामनोद के ग्रामीण जनों ने बड़ी संख्या में यात्रा को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि व्यक्त की .

ग्राम डेलनपुर से पद यात्रा की आगवानी आचार्य संघ के मुनि एवं आर्यिकाओं ने की

                संत सदा अपनी शिक्षा , दिए गए संस्कारों , कहे गए वचनों , और तपश्चर्या के लिए अमर रहते है . इस बात का अहसास यहाँ महसूस किया गया .

                 श्रमण परम्परा के गौरव रहे अंकलीकर परम्परा के चतुर्थ पट्टाचार्य प्रज्ञा पुरुषोत्तम श्री १०८ योगीन्द्र सागर जी म सा  को विभिन्न शहरों से पधारे गुरु भक्तो एवं समाज जनों ने अपनी विनयांजलि पुष्प चढ़ा कर दी .

                  सर्व श्री हिम्मत कोठारी ( पूर्व गृह मंत्री) , विष्णु त्रिपाठी ( आर डी ए अध्यक्ष ), दिनेश पोरवाल ( निगम अध्यक्ष ), भरत शर्मा (पप्पू टंच ) परिवार , खैरातीलाल पंजाबी परिवार , अशोक गंगवाल परिवार , राजेश घोटीकर, आशीष सोनी ,  दिनेश चौहान , सर्वोदयी सेवा संघ के सदस्य एवं रतलाम शहर एवं ग्रामीण जनों ने अपनी श्रद्धा व्यक्त की.

                    डॉ संजीव सरन बनारस ने आचार्य श्री के चरणबद्ध जीवन का बखान करते हुए बताया की ब्राह्मण परिवार के  लश्कर निवासी श्री फौदल प्रसाद शर्मा के पुत्र रमेश शर्मा ने दिगंबर जैन दीक्षा आचार्य श्री सन्मति सागर जी से ग्रहण की थी . मुनि/ उपाध्याय/ बालाचार्य  के बाद पिचले वर्ष १६ जनवरी को वे अंकलीकर परम्परा के चतुर्थ पट्टाधीश घोषित किए गए थे.


विनयांजलि सभा का संचालन डॉ अनुपम जैन इंदौर ने किया .